Rajeev Upadhyay
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Satire
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यक्ष प्रश्न
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यक्षः पुत्र! वर माँगो। क्या चाहिए तुम्हें? मैं तुम्हारी सारी मनोकामना पूर्ण करूँगा। पेट्रोलः हे देव! मेरी बस एक ही इच्छा है कि इस राज्य में ...
बच्चा का गच्चा
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'बच्चा ने चच्चा को गच्चा दिया।' प्रश्नः इस छंद में किस अलंकार व रस का प्रयोग हुआ है? व्याख्या सहित समझें। नोटः हिन्दी के मॉट सा...
फ्रैक्चर, प्लॉस्टर और चुनाव
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अभी मैं उहापोह की स्थिति में पेंडुलम की तरह डोल ही रहा था कि चच्चा हाँफते हुए कहीं चले जा रहे थे। देखकर लगा कि चिढ़े हुए हैं। जैसे उन्होंने क...
कुछ टपकते हुए आधुनिक प्रमेय
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अद्यतन एक बहुत सुखकर प्रक्रिया है। खासकर बुढ़े बुजुर्गों के लिए। भारत एक पुरानी सभ्यता है तो यहाँ सब कुछ ही बहुत पुराना हो गया है। मतलब ब...
चोलबे ना
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चच्चा खीस से एकमुस्त लाल-पीला हो भुनभुनाए जा रहे थे मगर बोल कुछ भी नहीं रहे थे। मतलब एकदम चुप्प! बहुत देर तक उनका भ्रमर गान सुनने के बाद ज...
राम को आईएसआई मार्का
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इस बार के दशहरा में वो हुआ जो कभी भी नहीं हुआ था। जिसका सपना लोग सत्तर साल से देख रहे थे वो इस बार ‘पहली बार’ हो ही गया। कहने का मतलब है...
चुनावी चक्कलस का मंत्र
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सुबह सुबह की बात है (कहने का मन तो था कि कहूँ कि बहुत पहले की बात है मतलब बहुत पहले की परन्तु सच ये है कि आज शाम की ही बात है)। मैं अपनी र...
रवीश भाई, कन्हैया और मेरा सपना
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कल रवीश भाई सपने में आए थे और कहने लगे, ‘वत्स उठो, जागो, कन्हैया को गरीब मानो और जब तक सभी उसे गरीब ना मान लें तब तक सबको मनाते रहो।’ ...
भारत एक अजायबघर
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हम सभी भारत नामक अजायबघर में रहते हैं। इस अजायबघर में इस अजायबघर के लिए जान देने वालों की कीमत कुछ भी नहीं। चाहे वो मरने वाले सी आर पी एफ ...
गाली ही आशीर्वाद है
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मुझे भाषण देने की आदत जो है कि लोग देखा नहीं कि बस उड़ेलना शुरू कर देता हूँ। बस कुछ दोस्त मिल गये तो मैं लग गया झाड़ने। खैर झाड़ते वक्त ये ...
महान याकूब मेमन की बेगुनाही
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सुना है कि इस देश के विद्वान बहुत नाराज हैं। नाराज होने कि बात है ही। होना ही चाहिए। बताइए याकूब मेमन को फाँसी देने की बात कर रहे हैं लोग।...
इज्जतदार लेखक
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अक्सर लेखक लोग अकादमियों और मंत्रालय के अधिकारियों को कोसते रहते हैं कि क्यों लेखक को जीते जी सम्मान नहीं देते हैं वो। लेखक के मरने के ब...
कोटि कोटि नमन कि आज हम आज़ाद हैं
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आज शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी के शहादत पर कुछ महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ रहीं हैं इस राष्ट्र की, इस समाज की। आज विद्वतजनों ने बहुत सारी पुरानी ...
बुद्धिजीवी का विमर्श
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लोगों को (मुख्य रूप से बुद्धिजीवियों को) ये कहते हुए अक्सर सुनता हूँ कि वक्त बहुत खराब हो गया है। विमर्श के लिए कोई जगह शेष नहीं बची है। स...
आपका एक आराधक (वही 90 फीसद मूर्खों वाला)
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हे! पक्ष-विपक्ष के देवतागण अगर संभव तो आप सभी देवासूर संग्राम के इस धर्मयुद्ध को बन्दकर इस तुच्छ राष्ट्र के बारे में सोचिए। क्योंकि देर हो...
राजदीप सरदेसाई को लगे चाँटे का महत्त्व
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राजदीप सरदेसाई को जिस किसी व्यक्ति ने थप्पड़ मारा वह अनुचित है और उसके लिए उसे कानूनी के अनुसार दण्ड मिलना ही चाहिए। बस इस घटना का इतना ह...
सेना द्वारा कश्मीर बाढ़ में राहत कार्य करना अत्याचार है
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बुद्धिजीविता का क्या है? बेचारी वो तो बेवश होती है तर्कों की! तर्क मतलब जिसे बुद्धिजीवी तार्किक माने! आवश्यक नहीं है कि वो बात तथ्यपरक ही ...
मैं ISIS का शुक्रगुजार हूँ
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मैं ISIS का शुक्रगुजार हूँ कि उसने मेरे सामान्य ज्ञान को थोड़ा तो बढ़ा दिया नहीं तो यज़ीदी नाम का बहुत पुराना मजहब भी है पता ही नहीं था। इसलि...
भारत एक क्रान्तिकारी देश है
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मेरे कई मित्र कहते हैं कि भारत में कोई क्रान्ति नहीं हो सकती और मैं अव्यस्क उनसे अक्सर सहमत ही रहता था। परन्तु आज मेरे चक्षु खुले और मैं उ...
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