Rajeev Upadhyay
डरी रहती है
वो रह रहकर पूछती रहती है
ठीक तो हूँ मैं?
बहुत डरी रहती है
किसी अंजाने भय से!
कई बार
वो खुद को भी भूल जाती है
मेरी ही चिन्ता में
जैसे बहुत जरूरी हूँ मैं दुनिया के लिए!
और मैं
कभी किताबों
कभी ख्यालों में खोया रहता हूँ!
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राजीव उपाध्याय
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