Rajeev Upadhyay
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Hindi Poem
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शब्दों के मायने
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तुम जिन रिसालों के जानिब दुनिया बदलना चाहते हो तुम जानते नहीं शायद कि लोग उनको अब पढते नहीं। खबर तुमको नहीं ये भी शायद अब कि शब्दों के मायने...
दर्द दर्ज कर सकता नहीं
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जानता हूँ चुप रहने की सलाहियत वो यूँ ही नहीं देते। हर बार रोए हैं वो लफ्जों की लकीरों पर जिनकी मात्राओं में ना जाने किस-किस की कहानी है।
डरी रहती है
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वो रह रहकर पूछती रहती है ठीक तो हूँ मैं? बहुत डरी रहती है किसी अंजाने भय से! कई बार वो खुद को भी भूल जाती है मेरी ही चिन्ता में जैसे बहुत जर...
कि तुम्हारा ख़त मिला
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डाकिए ने थाप दी हौले से आज दरवाजे पर मेरे कि तुम्हारा ख़त मिला। तुमने हाल सबके सुनाए ख़त-ए-मजमून में कुछ हाल तुमने ना मग...
दोस्ती दुश्मनी का क्या?
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दोस्ती दुश्मनी का क्या? कारोबार है ये। कभी सुबह कभी शाम तलबगार है ये॥ कि रिसालों से टपकती है ये कि कहानियों में बहती है य...
उसके कई तलबगार हुए
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कभी हम सौदा-ए-बाज़ार हुए कभी हम आदमी बीमार हुए और जो रहा बाकी बचा-खुचा उसके कई तलबगार हुए॥ सितम भी यहाँ ढाए जाते हैं रहनुम...
वो जगह
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ढूँढ रहा हूँ जाने कब से धुँध में प्रकाश में कि सिरा कोई थाम लूँ जो लेकर मुझे उस ओर चले जाकर जिधर संशय सारे मिट जाते हैं ...
मेरी कहानी
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तूफान कोई आकर क्षण में चला जाता है पर लग जाते हैं बरसों हमें समेटने में खुद को संभला ही नहीं कि बारिश कोई जाती है घर ढहाकर। ...
सूर्ख शर्तें
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कुछ चेहरे बस चेहरे नहीं होते सूर्ख शर्तें होती हैं हमारे होने की। कुछ बातें बस बातें नहीं होतीं वजह होती हैं हमारे होने की। ...
समय
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समय की ही कहानी कह रहे हैं सभी पशु, आदमी या हो फिर कोई चींटी। हेर-फेर है किरदारों में बस कि आइने की अराइश से बह रही हैं स्वर लहर...
सूरज! तू क्या संग लाया है?
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सूरज! तू क्या संग लाया है? आशाओं को, क्या पीली किरणों में बिखराया है? सूरज! तू क्या संग लाया है? सांसें जो बोझिल हैं अब तक उ...
1 comment:
बस पढनेवाला नहीं कोई
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मेरे घर का मेरा वो कोना जो अब तुम्हारा हो चुका है मुझमें तेरे होने की वही कहानी कहता है जो कभी माँ पिताजी के साथ सुनती थी और ...
8 comments:
यकीन
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दूर-दूर तक आदमी ऐसा कोई दिखता नहीं कि कर लें यकीन उस पर एक ही बार में। यकीन मगर करना भी है तुझ पर भी और मुझ पर भी। ऐसा ...
घुटन से झुकती जाती है
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घुटन से झुकती जाती है सर्द रातों में हवा जब बूँदें हौले से आकर तुम्हारी सूरज रेशमी कर जाती हैं। --------------------------- जब इश्...
कुछ तो कहन आँखों का भी होता है
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जरूरी नहीं हर बात दिल तक ही पहुँचे कुछ तो कहन आँखों का भी होता है। --------------------------- मेरे बारे में भी कभी तो सोचा करो ...
कितने पथिक
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मैं पथ बन हर पल खड़ा हूँ कितने पथिक आए-चले गए। कुछ देर तक ठहरे कुछ गहरे कहीं तक उतरे और पल में कुछ कहानी नई कर गुजरे। ...
यूँ कर ना यकीन कर
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इक आईना जो देखा है आँखों में तेरी बरक्स जिसके दूसरा कोई मिलता नहीं। --------------------------- मेरे कहे का यूँ कर ना यकीन कर ...
कितने पथिक
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मैं पथ बन हर पल खड़ा हूँ कितने पथिक आए-चले गए। कुछ देर तक ठहरे कुछ गहरे कहीं तक उतरे और पल में कुछ कहानी नई कर गुजरे। कित...
ये कौन आया है, दरवाजे पर खड़ा?
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ये कौन आया है, दरवाजे पर खड़ा? देता नहीं जवाब, है मौन मुस्करा रहा नाम पूछा, पता पूछा आने की वजह पूछा कुछ ना बोला मुस्कराता रहा चु...
कमजोर बुनियाद इमारत की
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जब बुनियाद ही कमजोर थी उस इमारत की तो गिरना ही था उसे हवा-पानी से। वैसे भी कोई कहाँ टिक सका है हवा-पानी में। इमारत गिरनी थ...
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