भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के चक्र से बाहर

ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा जनवरी महीने के लिए ट्रैक किए गए 8 संकेतकों में से 5 संकेतक स्थिर रहे हैं, 2 संकेतकों में वृद्धि और 1 संकेतक में गिरावट दर्ज किया है। सर्वेक्षण के अनुसार अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता गतिविधियों और औद्योगिक गतिविधियों के सूचकांक में क्रमशः 11.4% और 1% की वृद्धि हुई है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पिछले वर्ष की तुलना में 0.5% का विस्तार हुआ है। रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया RBI के आंकड़ों के अनुसार, दिसम्बर के महीने में अर्थव्यवस्था में ऋण की वृद्धि दर 6% से अधिक रही थी। इससे पहले लगातार छः महीने में यह वृद्धि दर 6% से कम रही है। द मार्किट इंडिया परचेजिंग मैनेजर्स कम्पोजिट इंडेक्स (पीएमआई) 52.8 पर पहुंच गया है। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से बाहर निकलकर विकास के चरण में प्रवेश कर चुकी है।

उपभोक्ता गतिविधियों के साथ-साथ औद्योगिक गतिविधियों के सूचकांकों में सुधार अर्थव्यवस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उपभोक्ता विश्वास में वृद्धि होगी और इससे अर्थव्यवस्था में सकारात्मक भावना और वातावरण का विकास होगा। अगर उपभोक्ता का विश्वास कुछ और महीनों तक सुधरता रहता है, तो यह उम्मीद की जा सकती है कि अर्थव्यवस्था में निजी निवेश बढ़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।
राजीव उपाध्याय

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