इस बार के दशहरा में वो हुआ जो कभी भी नहीं हुआ था। जिसका सपना लोग सत्तर साल से देख रहे थे वो इस बार ‘पहली बार’ हो ही गया। कहने का मतलब है कि कई सौ साल पर लगने वाले सूर्य और चन्द्र ग्रहण की तरह। हजारों सालों में पहली बार आनेवाली दैवीय मूहुर्त की दीपावली की रात की तरह। ये सब कुछ इस तरह से चमत्कारी तरीके से हुआ कि चमत्कार ने अपनी परिभाषा बदल ली है और हैरानी ने हैरान होने का पैमाना। इस बार के दशहरा अलकायदा के बम ब्लॉस्ट की तरह था जिसने भारत के संस्कृति और इतिहास का कायाकल्प ही कर के रख दिया है। इस सब को देखकर मूँगेरीलाल तक हैरान और परेशान हो सदमे में चले गए हैं कि उनके हसीन सपनों के पँख इतने कमजोर थे! खैर लाल बुझक्कड़ का समाचार इस तरह से है।
इस दशहरे इस देश में राम को ना सिर्फ अपने आईएसआई मार्का से आईएसआई एजेंसी ने सर्टिफाई कर दिया है बल्कि विपक्ष ने तो भारत में हवा भरने के उद्देश्य से राम को भारत की प्राणवायु घोषित करने का विधेयक भी प्रेस क्लब में पास कर दिया है। और सबसे बड़ी बात ये है कि इसकी अधिसूचना बीबीसी ने अपने दशहरा के वार्षिक सामारोह में शस्त्र पूजन कर जारी किया है। ये सब देखकर राफेल का पीला नीबू डरकर बैंकाक में हरा हो गया है।
एक ओर कल तक जो लोग राम को काल्पनिक चरित्र बताते हुए राम को खारिज करते रहे हैं वे देखते-देखते सनातन के सारे धर्मग्रन्थ क्षणों में पढ़कर आज रावण विमर्श में इतना ज्ञान प्रोड्यूस कर रहे हैं कि मशहूर फिल्मकार यश चोपड़ा ने पुनर्जन्म ना लेने का निर्णय लिया है। दूसरी ओर इतना सब देखने के बाद नोबेल पुरस्कार कमेटी ने तो रावण को शान्ति का नोबेल पुरस्कार और विद्वानों को साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने का हिमालय जितना भारी भरकम निर्णय लिया है जो ना तो रावण के दस सिरों से समा पा रहा है और ना ही विद्वान अभी उसे उठा पा रहे हैं। वहीं तीसरी ओर साधना की महान चतुराई और विद्वानों का साथ निभाने वाले समर्थकों का कुटिल समर्पण भाव को देखकर मैग्ससे पुरस्कार कमेटी ने भी सभी समर्थकों को मैग्सेसे पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। वहीं चौथी ओर इतना मेलोड्रामा देखने के बाद जनता ने जनार्दन बनकर जुगाली करना प्रारम्भ कर दिया है।
अभी ये सब हो ही रहा था कि पाँचवीं ओर हनुमान जी ने अपने साप्ताहिक लाइव प्रसारण में इन सभी विद्वानों और समर्थकों के हृदय परिवर्तन को स्वीकृति देते हुए जीवनचक्र से मुक्ति प्रदान कर मोक्ष का टिकट कंफर्ट करने का घोषणापत्र जारी किया है।
हनुमान जी के इस घोषणापत्र को पढ़ने के बाद यूटोपिया के राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान की जिन्न सरकार को स्वर्गीय सुख देने का निर्यण ले लिया है। इसे देखकर चिली के मंगरूआ ने एंटीगुआ के पासपोर्ट के आधार पर भारत के प्रधानमंत्री पद पर दावा ठोक दिया है।
इतना सब देखने बाद मैंने निराला की ‘राम की शक्ति पूजा’ के बरक्स अकादमी के अनुबन्धित होकर ‘रावण की स्त्री पूजा’ नामक खण्ड काव्य लिखना शुरू कर दिया है।
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