बलिया का कोरोना अनुभव

ये ग्राफ बलिया का करोना कर्व है। बलिया उत्तर प्रदेश का एक ग्रामीण जिला है। बलिया 10 मई तक कोरोना से अप्रभावित ही रहा था परन्तु 11 मई को बलिया में कोरोना संक्रमण का पहला मामला मिला था और ये व्यक्ति रेड जोन से यात्रा कर लौटा था। सूचना है कि इसके यात्रा करने वाले कई अन्य साथियों को भी बाद में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।

9 जून को बलिया में कुल 60 केस थे। कोरोना के पहले मामले के मिलने के 30 दिन बाद बलिया में 9 जून को कुल 37 मरीज ठीक हो चुके थे। बलिया जिले के मामलों में रिकवरी रेट 61.5 प्रतिशत है। सबसे अच्छी बात है कि यह रिकवरी 8-13 दिनों में हो रही है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी की अवधि 14-18 दिन है। सूचना है कि कोरोना से संक्रमित अधिकतर मरीज रेड जोन्स के लौटे प्रवासी हैं और बहुत ही कम मरीज ऐसे हैं जिन्होंने बाहरी राज्यों या जिलों की यात्रा नहीं की है। हालाँकि यात्रा विवरण का ये आंकड़ा सरकार द्वार सत्यापित नहीं है।


बलिया के अनुभव आधार पर एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न उठता है कि क्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोंगों पर कोरोना का असर नगण्य या बहुत ही है? क्या सचमुच ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की इनैट इम्युनिटी इतनी अधिक है कि कोरोना का असर नहीं हो रहा है? आवश्यक है कि इस दिशा में शोध हो। यदि ऐसा सचमुच है तो सरकारों को अपना पुरा ध्यान हाई डेनसिटी वाले शहरों व हॉटस्पॉट पर लगाना चाहिए। कम से कम संसाधनों के अभाव में बहुत राहत की बात होगी।

राजीव उपाध्याय

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