भारत और न्यूजीलैण्ड की बेमानी तुलना

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में कुछ लोग भारत और न्यूजीलैंड की तुलना कर रहे हैं। जबकि ये तुलना ही बेमानी है। आबादी, जनसंख्या व जनसंख्या घनत्व आदि मानकों पर इन दोनों देशों में कोई तुलना नहीं है। भारत में प्रति हजार व्यक्ति पर 0.7 बेड और 0.85 फिजिसियन हैं। वहीं न्यूजीलैण्ड में प्रति हजार व्यक्ति कुल तकरीबन 3 बेड और 3.6 फिजिसियन हैं। फिर भी उन्हें न्यूजीलैंड की भारत से तुलना करने से पहले भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश और न्यूजीलैंड की तुलना कर लेनी चाहिए।

आबादी के हिसाब से हिमाचल प्रदेश में 68 लाख से कुछ अधिक लोग रहते हैं और न्यूजीलैंड में 48 लाख से कुछ अधिक। इस तरह हिमाचल प्रदेश की आबादी न्यूजीलैंड की आबादी से तकरीबन 20 लाख अधिक ही है। हिमाचल प्रदेश का जनसंख्या घनत्व 123 व्यक्ति प्रति किलोमीटर है और न्यूजीलैंड की मात्र 18 व्यक्ति प्रति किलोमीटर। स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में न्यूजीलैंड यदि 21 है तो हिमाचल शायद 5 भी नहीं है।

खैर। अब बात कोरोना वायरस संक्रमण की। आज हिमाचल प्रदेश में कोरोना के कुल 458 मामले हैं और न्यूजीलैंड में कुल 1504 पाए गए थे। न्यूजीलैंड में कोरोना से कुल 22 लोग मरे हैं और हिमाचल में सिर्फ 7 लोगों की मृत्यु हुई है। कोरोना संबन्धित इन आँकड़ों व स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आप स्वयं ही तुलना कर लीजिए।

परन्तु इसका मतलब कदाचित ये नहीं है कि भारत ने कोरोना को बेहतर तरीक़े से मैनेज किया है। बिल्कुल नहीं। चाहे केंद्र या राज्य सरकारें; सबने असफलता के नए और ऊँचे झंडे गाड़े हैं। बस दिल्ली ने कुछ बहुत ऊँचा झंडा गाड दिया है।

राजीव उपाध्याय

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