आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब की जीत दिल्ली की जीत की तरह ही बहुत बड़ी व प्रभावशाली है और दोनों जीतों को एक साथ मिलाकर देखने पर आम आदमी पार्टी का ये प्रदर्शन अविस्मरणीय है क्योंकि ऐसी जीतें बहुकोणीय मुकाबलेमें बहुत ही कम देखने को मिलती है। आम आदमी पार्टी ने ये काम दो प्रदेशों में कर के दिखाया है। इस जीत से इतना तो स्पष्ट परिलक्ष्यित हो रहा है आम आदमी पार्टी की जमीनी पहुँच व पकड़ इन दो प्रदेशों में बहुत ही गहरा हो गया है। इसके साथ-साथ पंजाब की जीत आप के चुनाव लड़ने की कार्य योजना को भी शक्तिशालीरूप से रेखांकित कर रहा है।
आप के इस प्रदर्शन से प्रभावित होकर बहुत लोग 2024 आगामी लोकसभा चुनाव में आप को काँग्रेस के विकल्प के रूप में देख रहे हैं किन्तु आप अभी काँग्रेस की विकल्प बन पाने की स्थिति में ना ही संगठनात्मक व ना ही अनुभव के स्तर पर सक्षम दिखाई दे रही है। क्योंकि अन्य चार राज्यों में जिनमें पंजाब के साथ ही चुनाव हुआ; वहाँ पार्टी कोई छाप छोड़ पाने में असमर्थ रही है। साथ ही एक राज्य में चुनाव लड़ना पूरे देश में चुनाव लड़ने के तुलना में बहुत आसान व कम मेहनती काम है।
पूरे देश में चुनाव लड़ पाने की क्षमता के साथ ही आम आदमी पार्टी का प्रशासनिक अनुभव ना के बराबर है। आप का अभी तक का कुल अनुभव एक आधे राज्य को चलाने तक ही सीमित है। उसे पहली बार किसी पूर्ण राज्य को चलाने का मौका मिला है जहाँ उसे केंद्र के गोद में बैठकर ना ही खेलने का मौका मिलेगा और ना ही दिल्ली वाली मीडिया हाइप। साथ ही आप के लिए पंजाब कानून व्यवस्था व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समझने का पहला मौका है।
अतः यदि ये कहा जाए कि देश के लिए शासन-प्रशासन का आप का असल मॉडल क्या है, अब जाकर देश को पता चलेगा तो ये गलत नहीं होगा। इसलिए इसलिए इस बात की संभावना अधिक है आप 2024 के बदले अगले सात सालों देश-व्यापी शक्ति इक्कठा कर 2029 के चुनावों पर फोकस करे जैसा वो अतीत में करती भी आई है।
भारतीय राजनीति में आप राष्ट्रव्यापी उदय काँग्रेस के लिए एक दुःस्वन साबित हो सकता है क्योंकि दिल्ली व पंजाब में काँग्रेस ने जो जगह खाली किया तो आप आदमी पार्टी ने उसे भरने की ना सिर्फ कोशिश की है बल्कि भरा भी है। इसलिए यदि ये कहा जाए कि काँग्रेस के पास स्वयं को पुर्नजीवित करने संभवतः 2029 में आखिरी मौका होगा, तो गलत नहीं हो।
पंजाब में आप की प्रशासनिक सफलता से शेष देश में आप का भविष्य तय होगा। ना सिर्फ इतना ही बल्कि पंजाब में आप की प्रशासनिक सफलता भाजपा को मिलने वाली चुनौतियों व काँग्रेस का भविष्य भी तय करेगी।
पूरे देश में चुनाव लड़ पाने की क्षमता के साथ ही आम आदमी पार्टी का प्रशासनिक अनुभव ना के बराबर है। आप का अभी तक का कुल अनुभव एक आधे राज्य को चलाने तक ही सीमित है। उसे पहली बार किसी पूर्ण राज्य को चलाने का मौका मिला है जहाँ उसे केंद्र के गोद में बैठकर ना ही खेलने का मौका मिलेगा और ना ही दिल्ली वाली मीडिया हाइप। साथ ही आप के लिए पंजाब कानून व्यवस्था व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समझने का पहला मौका है।
अतः यदि ये कहा जाए कि देश के लिए शासन-प्रशासन का आप का असल मॉडल क्या है, अब जाकर देश को पता चलेगा तो ये गलत नहीं होगा। इसलिए इसलिए इस बात की संभावना अधिक है आप 2024 के बदले अगले सात सालों देश-व्यापी शक्ति इक्कठा कर 2029 के चुनावों पर फोकस करे जैसा वो अतीत में करती भी आई है।
भारतीय राजनीति में आप राष्ट्रव्यापी उदय काँग्रेस के लिए एक दुःस्वन साबित हो सकता है क्योंकि दिल्ली व पंजाब में काँग्रेस ने जो जगह खाली किया तो आप आदमी पार्टी ने उसे भरने की ना सिर्फ कोशिश की है बल्कि भरा भी है। इसलिए यदि ये कहा जाए कि काँग्रेस के पास स्वयं को पुर्नजीवित करने संभवतः 2029 में आखिरी मौका होगा, तो गलत नहीं हो।
पंजाब में आप की प्रशासनिक सफलता से शेष देश में आप का भविष्य तय होगा। ना सिर्फ इतना ही बल्कि पंजाब में आप की प्रशासनिक सफलता भाजपा को मिलने वाली चुनौतियों व काँग्रेस का भविष्य भी तय करेगी।
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