
जितने भी विद्वान और शान्तिप्रियता की बात करने वाले लोग हैं उनसे हाथ जोड़कर निवेदन है कि उन्हें चाहिए कि भगवन राजदीप सरदेसाई जी से पूछें की उस महान शक्स (राजदीप सरदेसाई) को जेल में क्यों नही होना चाहिए क्योंकि ये वही महान ईश्वरीय शक्ति हैं जो किसी ओवैसी और तोगड़िया के खिलाफ फतवा जारी करते हैं देश का माहौल और धर्मनिरपेक्षता के ताना-बाना तबाह करने के लिए जबकि आप स्वयं असम के दंगों पर फतवा जारी करते हैं कि ‘जब तक 1000 हिन्दू असम में नहीं मार दिए जाते और गुजरात का बदला पूरा नहीं होता तब तक किसी भी समाचार पत्र और चैनल को इसके बारे में बात भी नहीं करना चाहिए।’ क्या उनका ये महान दैवीय संदेश और न्यायप्रियता तथा भारतीय संविधान के प्रति इस समर्पण इस देश का का माहौल और धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने को तबाह करने के लिए काफी नहीं था (जिसके स्वयंभू संरक्षक आप स्वयं हैं)? क्या कुछ ऐसे ही बयानों के लिए ओवैसी और तोगड़िया को जेल भेजने की माँग और मुकदमा किया जाता है क्योंकि आपके अनुसार वे गुन्डे टाइप के नेता हैं तो क्या आप ही के अनुसार श्री 1008 श्री राजदीप सरदेसाई जी गुन्डे टाइप के पत्रकार नहीं हैं? और अगर हे भगवन! आप मानते हैं कि आप गुन्डे टाइप के पत्रकार नहीं (जिससे मुझे भी सहमत होना ही पड़ेगा क्योंकि आप ईश्वर जो हैं) वरन सच्चे और निःस्वार्थी पत्रकार हैं क्योंकि आपने ट्विटर पर माफी माँग ली थी तो फिर ओवैसी और तोगड़िया जैसे लोग कैसे गलत हो सकते हैं? वे तो कोर्ट में अपने बयानों को तोड़ने और मरोड़ने का आरोप आप जैसे दैवीय लोगों पर लगाते हैं और कई बार बाकायदा लिखकर कोर्ट में आम जनता से माफी भी माँगते हैं और हार थककर जेल भी जाते हैं? आपके हिसाब से तो ऐसे लोग बिल्कुल सही और पाक-साफ हैं। पाक-साफ ही क्यों वे तो आप ही की तरह देव हैं इनकी चरण वन्दना की जानी चाहिए जैसे की आपकी हो रही है।
हे देव! मुझे माफ करना परन्तु बहुतों हिन्दूस्तानियों के दिल में ये दर्द घूमड़-घूमड़ कर उमड़ रहा है कि इस कार्य में वे पीछे कैसे रह गए जबकि उनका इस कार्य में कोई सानी नहीं है।
No comments:
Post a Comment