दोस्ती दुश्मनी का क्या?

दोस्ती दुश्मनी का क्या? 
कारोबार है ये। 
कभी सुबह कभी शाम 
तलबगार है ये॥ 

कि रिसालों से टपकती है ये 
कि कहानियों में बहती है ये। 
कभी सितमगर है ये 
और मददगार भी है ये॥

इनके होने से आपको 
जीने की वजह मिलती 
और इस तरह 
चेहरे के आपके 
सरमाएदार हैं ये॥
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राजीव उपाध्याय

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