Rajeev Upadhyay
दर्द दर्ज कर सकता नहीं
जानता हूँ
चुप रहने की सलाहियत
वो यूँ ही नहीं देते।
हर बार रोए हैं
वो लफ्जों की लकीरों पर
जिनकी मात्राओं में
ना जाने किस-किस की कहानी है।
मैं वो दर्द
दर्ज कर सकता नहीं
इसलिए चुप ही रहता हूँ।
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राजीव उपाध्याय
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