कहते हैं कि जब आप दूसरों के लिए गढ्ढा खोदते हैं तो उस गढ्ढे में आपके गिरने की संभावना भी लगातार बनी रहती है। यह कंटीले तार पर चलने जैसा है। आप चाहें ना चाहें परन्तु आपके पाँव उन कँटीले तारों से जख्मी हो ही जाते हैं। कोरोना वायरस से पीड़ित आज के चीन की स्थिति भी एक ऐसे ही व्यक्ति की हो गई जो दूसरों के लिए स्वयं के द्वारा बिछाए गए कंटीले तारों से जख्मी हो गया हो और जख्म की दवा भी दिखाई नहीं दे रही हो। आज वुहान शहर और हुबेई प्रांत इस समय दुनिया की सबसे बडी त्रासदी से गुजर रहे हैं।अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार हुबेई के किसी बायोकेमिकल लैबोरेट्री में चीनी वैज्ञानिक केमिकल वेपन के रूप मे उपयोग में लाए जा सकने लायक वायरसों की खोज एवं प्रयोग हो रहा था। उसी क्रम में हुएह लीकेज के कारण ये वायरस कंट्रोल्ड इंवायरमेंट से निकलकर मानवीय संपर्क में आ गया और जब वैज्ञानिकों को इसकी खबर लगी ये कोरोना वायरस बेतरतीब तरीक़े से फैल शुरू कर दिया था।





